जैतून क्या होता है? जैतून के तेल (Olive Oil) के फायदे, प्रकार, उपयोग, नुकसान, आदि से जुड़ी सभी जानकारी – Olive Oil in Hindi

आज हम जानेंगे जैतून के तेल के फायदे और नुकसान की पूरी जानकारी (Olive in Hindi) के बारे में क्योंकि जैतून का नाम हर किसी ने जरूर सुना होगा। अगर नही भी सुना होगा, तो फिगारो का नाम तो सुना ही होगा। जी हां फिगारो ऑलिव ऑयल जो एक छोटे से लोहे के टीन में आता हैं। इसे छोटे बच्चो की मालिश के लिए काफी यूज किया जाता था और अभी भी किया जाता हैं। आज जैतून के बहुत से तरह के तेल आते है, जिनमे खाने वाले अलग और लगाने वाले अलग होते है। जैतून के खाने वाले तेल में बहुत सी वैरायटी आती है। जैतून सादा खाना भी बॉडी की हेल्थ के लिए काफी अच्छा है।

जैतून एक ऐसा फ्रूट है, जिसमे विटामिन और मिनरल्स की अच्छी भरमार होती है। जैतून एक सुपर फ्रूट से कम नहीं है, और इसे खाने से काफी फायदे होते हैं। इन्हीं सब बेनिफिट्स के बारे में पूरी जानकारी होना काफी जरूरी है, इसलिए आज का यह आर्टिकल हम जैतून के तेल पर ही लाए है, कि Jaitoon Kya Hai, जैतून के तेल खाने के फायदे, जैतून के तेल खाने के नुकसान, Olive in Hindi, आदि जानकारी पूरी डिटेल्स के साथ वो भी Hindi में, इसलिए हमारे साथ अंत तक जरूर बने रहे और जैतून से संबंधित पूरी जानकारी हासिल करें।

Contents show

जैतून क्या होता है? – What is Olive in Hindi

Olive Oil in Hindi
Olive in Hindi

जैतून को इंग्लिश में Olive कहते है। जैतून का साइंटिफिक नाम ओलिया यूरोपाया (Olea europaea) है। जैतून के पेड़ कई हजार साल पुराने भी होते हैं। जैतून का फल आकार में काफी छोटा है और इसके फल बीच में एक पत्थर के आकार का बीज होता है, जिसे आमतौर पर खाया नहीं जाता है। जैतून का स्वाद हल्का बिटर होता है, यानी जैतून खाने पर हल्का सी कड़वाहट महसूस होती हैं।

हालांकि ऐसा सिर्फ कच्चे जैतून मे होता है, पका हुआ काला जैतून टेस्ट में मीठा होता हैं। जैतून कच्चे होने पर हरे रंग के होते है और पकने पर यह कुछ पर्पल ब्लैक कलर के होते है। आज जैतून का उपयोग ज्यादातर खाने वाला तेल निकालने के लिए होता हैं। जैतून का तेल सेहत के लिए काफी बेनिफिशियल होता है। जैतून की खेती ज्यादातर आभ्यंतरिक (Mediterranean) क्लाइमेट वाली जगहों पर की जाती हैं।

जैतून के खेती फुल सनलाइट और वेल ड्रेन्ड सोइल में ही हो पाती है। मार्केट में डिमांड के अनुसार जैतून की कटाई और पैकेजिंग की जाती है। आज मार्केट में पका हुआ ब्लैक जैतून और कच्चा हरा जैतून भी आसानी से मिल जाता है। हरे से लेकर काले रंग तक होने में जैतून अलग अलग फ्लेवर और टेक्सचर देता है। जैतून को उसके कलर और साइज के हिसाब से ग्रेड किया जाता है।

जैतून में काफी अच्छी मात्रा में फाइबर, विटामिन E, विटामिन C, B विटामिंस, हेल्दी फैट्स, एंटी इन्फ्लेमेटरी प्रॉपर्टीज और एंटीऑक्सीडेंट्स होते है, जो हमारे लिए काफी बेनिफिशियल होते हैं। जैतून का उपयोग आज बहुत तरीकों से होता है, किसी को जैतून सादा खाना ही पसंद होता हैं, किसी को जैतून सलाद में, पिज्जा में और सामान्य सब्जी में खाना पसंद होता हैं। बाहर के देशों में जैतून का ज्यादातर उपयोग सलाद के रूप में ही होता है।

जैतून का इतिहास – History of Olive in Hindi

जैतून काफी पुराने समय से खाया जा रहा है और इसके तेल का उपयोग भी काफी समय से किया जा रहा है। हिस्ट्री में जैतून की खेती के सबूत लगभग 6000 BC से मिलते हैं। लार्ज स्केल पर जैतून की खेती होने से लगभग 4500 BC के आस पास जैतून का तेल भी बनने लगा और रोजाना के चीजों में यूज किया जाने लगा। जैतून के पेड़ और इसके फल की धार्मिक मान्यता काफी ज्यादा है। पुराने समय में रोमन एम्पायर में भी जैतून का तेल के काफी उपयोग होता था।

रोमन एम्पायर और ग्रीस एम्पायर में जैतून का काफी विशिष्ट स्थान था। इनके रोजाना के खाने में जैतून जरूर होता था। इसके अलावा रोमन और ग्रीस कल्चर में जैतून की रिलीजियस इंपोर्टेंस के साथ ही साथ मेडिसिनल इंपोर्टेंस भी काफी ज्यादा है। इनके कल्चर में जैतून के पेड़ को बहुत पवित्र माना जाता था, और जैतून के पेड़ की डालो को विजय और शांति का सिंबल माना जाता था। जैतून के पेड़ की ब्रांच को ब्रांच ऑफ पीस (Branch of Peace) के नाम से भी जाना जाता था।

ग्रीक लोगो ने ही जैतून की खेती की जानकारी इटली और यूरोप की बहुत सी दूसरी जगहों पर दी, इसके बाद यूरोप में जैतून की खेती काफी तेजी से होने लगी। धीरे-धीरे जैतून यूरोपियन कल्चर का काफी महत्वपूर्ण हिस्सा बन गया। इसके बाद से जैतून का फल और पेड़ दोनो को यूरोप और इजिप्ट में काफी उपयोग किया जाने लगा। यूरोपियन हिस्ट्री में यह सबूत मिलते है कि जैतून के फल और तेल वहां के राजा और महाराजाओं के द्वारा काफी उपयोग किया जाता था। वे जैतून के तेल को रोजाना के भोजन में उपयोग करवाते थे। इस वजह से भी जैतून का तेल काफी पसंद किया जाने लगा।

जैतून मेडिटेरेनियन कल्चर में काफी इंपोर्टेंस रखता है। जैतून धीरे धीरे मेडिटेरेनियन इलाको के साथ साथ स्पेन और नॉर्थ अफ्रीका तक भी पहुंच गया। यहां बड़ी बड़ी मोनेस्ट्रीज (काफी बड़े धार्मिक संस्थान) ने जैतून की खेती को बढ़ाया और जैतून का तेल बनाना भी स्टार्ट किया। इन सब के बाद इस्लामिक सिविलाइजेशन में जैतून की खेती और डेवलपमेंट में काफी कंट्रीब्यूशन किया।

इस्लामिक गोल्डन एज के दौरान जैतून की खेती में नए टूल्स के यूज के कारण जैतून का प्रोडक्शन काफी ज्यादा होने लगा। रेनेसां पीरियड (चौदहवीं सदी से लेकर सत्रहवीं सदी का बीच का पीरियड) के दौरान जैतून की खेती की जानकारी पूरे यूरोप में फैल गई। जैतून का काफी प्रोडक्शन होने की वजह से धीरे धीरे जैतून से बहुत से तरह के प्रोडक्ट्स बनने लगे, जिनका व्यापारी रास्तों के द्वारा आदान प्रदान शुरू हो गया।

आज के समय में जैतून की खेती काफी जगहों पर होने लगी है। आज मेडिटेरेनियन इलाका जैतून का प्राइमरी प्रोड्यूसर है। स्पेन, इटली और ग्रीस दुनिया में सबसे ज्यादा जैतून का उत्पादन करते है। आज के समय जैतून के तेल का प्रयोग खासकर इसके हेल्थ बेनिफिट की वजह से किया जाता हैं।

जैतून के प्रकार – Types of Olive in Hindi

आज आज दुनिया में बहुत से प्रकार के जैतून की खेती होती है जो कि अपने यूनिक फ्लेवर, टेक्सचर और करैक्टेरिस्टिक्स की वजह से पसंद किए जाते हैं। सामान्य तौर पर पाए जाने वाले जैतून के बारे में नीचे बताया जा रहा है।

ग्रीन ओलिव्स (Green Olives): ग्रीन ओलिव्स को पकने से पहले ही तोड़ लिया जाता है क्योंकि यह काफी ठोस होते है और स्वाद में हल्के कड़वे होते हैं। इंडिया में बनाए जाने वाले आम के अचार के समान ग्रीन ओलिव्स को भी फर्मेंट करने के लिए रखा जाता है। फॉर्मेट करने से इनका फ्लेवर और अच्छा हो जाता है।

ब्लैक ओलिव्स (Black Olives): पूरी तरह से पके हुए जैतून हल्के काले या बैंगनी रंग के होते हैं। इनका स्वाद हरे जैतून के मुकाबले काफी हल्का होता है। इनका ज्यादातर प्रयोग सलाद और साइड डिशेज में होता है।

कलामाता ओलिव्स (Kalamata Olives): इस जैतून की प्रजाति का नाम ग्रीस के एक शहर कलामाता के नाम पर रखा गया है। यह अपने गाढ़े बैंगनी से काले रंग और बादाम जैसा आकार होने के कारण काफी पसंद किए जाते हैं। इनका ज्यादातर प्रयोग ग्रीक सलाद और मेडिटरेनियन डिशेज में होता है।

कैस्टलवेटरानो ओलिव्स (Castelvetrano Olives): जैतून की इस प्रजाति की खेती से सिसली (Sicily) नामक शहर में की जाती है। इस जैतून का स्वाद हल्का मीठा होता है। इस जैतून को आम तौर पर चीज़ के साथ खाना पसंद किया जाता है।

मंजानिला ओलिव्स (Manzanilla Olives): जैतून की इस प्रजाति की खेती स्पेन में की जाती है। यह जैतून ज्यादातर हरे रंग का होता है और अपने फ्लेवर की वजह से पसंद किया जाता है। इसका ज्यादातर प्रयोग सलाद और तपनोड्स (Tapenades) में होता है।

आर्बेक्विना ओलिव्स (Arbequina Olives): जैतून की यह प्रजाति भी स्पेन में ही उगाई जाती है। यह जैतून आर्बेक्विना नामक जैतून के पेड़ पर होते है। यह जैतून आकार में छोटे और हल्का भूरे रंग के होते हैं। इस जैतून का ज्यादातर प्रयोग हाई क्वालिटी ओलिव ऑयल बनाने के लिए होता है।

न्यों ओलिव्स (Nyon Olives): जैतून की यह प्रजाति फ्रांस में उगाई जाती है। इस जैतून को पिचोलाइन (Picholine) नाम से भी जाना जाता है। यह जैतून हरे रंग के और आकार में लंबे होते हैं। इस जैतून का स्वाद हल्का सा टैंगी होता है। यह ज्यादातर कॉकटेल्स और एपेटोजर्स में उपयोग होते है।

गएता ओलिव्स (Gaeta Olives): इस जैतून की खेती इटली में होती है। यह जैतून आकार में काफी छोटे, रिंकल्ड और हल्के बैंगनी से काले रंग के होते हैं। इस जैतून का स्वाद काफी इंटेंस होता है जिसकी वजह से इसका ज्यादातर प्रयोग पास्ता डिशेज और सलाद में होता है।

ऊपर बताई गई जैतून की प्रजातियों के अलावा दुनिया भर में इलाका और वातावरण के अनुसार बहुत सी जैतून की प्रजातियां होती हैं। ऊपर बताई गई जैतून की प्रजातियां सामान्य तौर पर मिलने वाली प्रजातियों है।

जैतून तेल के प्रकार- Types of Olive oil in Hindi

आज के समय में दुनिया में जैतून के बहुत से तरह के तेल उपलब्ध है। हर तेल की अपनी खुद की खासियत है, जैतून का तेल बाकि तेल के मुकाबले सेहत के लिए काफी फायदेमंद होता है इस वजह से इसकी कई सारी वैरायटी आती है। दुनिया भर में मौजूद जैतून के तेल की वैरायटी के बारे में नीचे बताया जा रहा है।

1. एक्स्ट्रा वर्जिन ओलिव ऑयल (Extra Virgin Olive Oil, EVOO): जैतून के तेल में एक्स्ट्रा वर्जिन ओलिव ऑयल सबसे बेस्ट और फर्स्ट क्वालिटी का होता है। एक्स्ट्रा वर्जिन ओलिव ऑयल में जैतून का तेल निकालने में किसी भी प्रकार का केमिकल या गर्मी का प्रयोग नहीं किया जाता है। किसी भी प्रकार की गर्मी और केमिकल का प्रयोग नहीं किए जाने की वजह से एक्स्ट्रा वर्जिन ओलिव ऑयल में सबसे ज्यादा मात्रा में न्यूट्रिएंट्स विटामिन और एंटीऑक्सीडेंट होते हैं।

एक्स्ट्रा वर्जिन ओलिव ऑयल का एसिडिटी लेवल भी काफी कम होता है। इसका हीटिंग पॉइंट भी काफी कम होने की वजह से इसका प्रयोग खाने को लाइट फ्री करने के लिए किया जाता है।

2. वर्जिन ओलिव ऑयल (Virgin Olive Oil): एक्स्ट्रा वर्जिन ओलिव ऑयल की तरह ही वर्जिन ओलिव ऑयल को भी बिना किसी केमिकल और गर्मी के निकाला जाता है, लेकिन इसका एसिडिटी लेवल एक्स्ट्रा वर्जिन ओलिव ऑयल के मुकाबले थोड़ा सा ज्यादा होता है। वर्जिन ओलिव ऑयल एक्स्ट्रा वर्जिन ओलिव ऑयल से सस्ता और स्वाद में भी थोड़ा हल्का होता है। वर्जिन ओलिव ऑयल भी सेहत के लिए काफी अच्छा काम करता है।

ये भी पढ़ें : कुलथी दाल (Horse Gram) के फायदे, प्रकार, उपयोग, नुकसान – Horse Gram in Hindi

3. प्योर ओलिव ऑयल (Pure Olive Oil): प्योर ओलिव ऑयल को कहीं-कहीं पर ओलिव ऑयल के नाम से भी बेचा जाता है। इस जैतून के तेल में वर्जन और रिफाइंड ओलिव ऑयल का मिक्सर होता है। इस जैतून के तेल को इंप्योरिटी से प्यूरिफाई करने के लिए कुछ प्रोसेसेस से गुजारा जाता है, इससे यह वर्जिन ओलिव ऑयल के मुकाबले काफी स्टेबल और इसका इसका हीटिंग पॉइंट काफी हाई हो जाता है। जिससे इस जैतून के तेल का प्रयोग कुछ हद तक डी फ्री करने में किया जा सकता है।

4. लाइट ओलिव ऑयल (Light Olive Oil): इस जैतून के तेल का नाम लाइट ओलिव ऑयल इसके कैलोरी काउंट लो होने की वजह से नहीं बल्कि इसके हल्के फ्लेवर की वजह से है। पूरे ओलिव ऑयल की तरह ही लाइट ओलिव ऑयल भी रिफाइंड ओलिव ऑयल और वर्जिन ओलिव ऑयल का मिक्सर होता है। लाइट ओलिव ऑयल का प्रयोग भी डीप फ्राइंग में होता है।

5. एक्स्ट्रा लाइट ओलिव ऑयल (Extra Light Olive Oil): एक्स्ट्रा लाइट ओलिव ऑयल में भी प्योर ओलिव ऑयल की तरह एक्स्ट्रा लाइट का प्रयोग लोग कैलोरी काउंट की वजह से नहीं बल्कि हल्के फ्लेवर की वजह से है। यह जैतून का तेल काफी ज्यादा प्रोसैस्ड किया होता है और इसमें जैतून के तेल का नाम मात्र टेस्ट होता है। इसका प्रयोग सिर्फ उन्हीं खाने की वस्तुओं में होता है, जिनमें ओलिव ऑयल के तेल की खुशबू नहीं पसंद की जाती है।

6. कोल्ड प्रेस्ड ओलिव ऑयल (Cold Pressed Olive Oil): कोल्ड प्रेस्ड ओलिव ऑयल ऑलिव ऑयल को ना दर्शाकर बल्कि इसके तेल को निकालने के प्रोसेस को दर्शाता है। कोल्ड प्रेस्ड ओलिव ऑयल को निकालने के लिए हाइड्रोलिक प्रेस का यूज होता है, जिसमें किसी भी प्रकार के केमिकल और हीट का प्रयोग नहीं किया जाता है। आमतौर पर एक्स्ट्रा वर्जिन और वर्जिन ओलिव ऑयल दोनों ही कोल्ड प्रेस्ड ओलिव ऑयल होते हैं।

7. पोमेस ओलिव ऑयल (Pomace Olive Oil): जैतून के तेल में सबसे कम शुद्धता वाला जैतून का तेल पोमेस ओलिव ऑयल होता है। एक्स्ट्रा वर्जिन ओलिव ऑयल, वर्जिन ओलिव ऑयल, प्योर ओलिव ऑयल, लाइट ओलिव ऑयल और एक्स्ट्रा लाइट ओलिव ऑयल निकालने के बाद जैतून के जो फल बच जाते हैं उनको केमिकल सॉल्वेंट्स का प्रयोग करके और एक साथ कई सारे प्रोसेस से रिफाइन करने के बाद जो तेल निकलता है, उसे ही पोमेस ओलिव ऑयल कहते हैं। इस जैतून के तेल का प्रयोग सबसे ज्यादा डीप फ्राई करने के लिए होता है। इस तेल का ज्यादातर प्रयोग होटल और रेस्टोरेंट में डीप फ्राइंग के लिए होता है।

जैतून के तेल के फायदे – Benefits of Olive oil in Hindi

जैतून के तेल में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट, विटामिन, मिनरल्स और हेल्दी फैट हमारी सेहत के लिए काफी फायदेमंद है। जैतून के तेल में ओलिक एसिड नाम का मोनोअनसैचुरेटेड फैट होता है, जो कि हमारी बॉडी में बेड कोलेस्ट्रॉल को घटाकर हार्ट को हेल्दी रखने और ओवरऑल कार्डियोवैस्कुलर हेल्थ को भी मेंटेन करता है। जैतून के तेल में मौजूद पॉलीफेनॉल और विटामिन E एंटीऑक्सीडेंट का काम करते हैं जो की आर्टिरीज को हेल्दी रखते हैं और हार्ट डिजीज के रिस्क को कम करते हैं।

जैतून के तेल में मौजूद एंटी इन्फ्लेमेटरी प्रॉपर्टी इन्फ्लेमेशन को काफी हद तक कम कर सकती हैं। जैतून का तेल रोजाना खाने से यह वेट मैनेजमेंट में भी मदद करता है। जैतून के तेल में मौजूद मोनो अनसैचुरेटेड फैट पेट के भरे रहने की फीलिंग देते हैं। जैतून का तेल डाइजेस्टिव हेल्थ में भी काफी फायदा करता है। इससे गालस्टोन के बनने का रिस्क काफी काम हो जाता है। गालस्टोन को हिंदी में पित्ताशय की पथरी के नाम से जाना जाता है।

यह भी माना जाता है कि जैतून के तेल में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट ब्रेस्ट और कोलोरेक्टल कैंसर के रिस्क को भी कम करने का काम करते हैं। जैतून के तेल में मौजूद मोनोअनसैचुरेटेड फैट्स और पॉलिफिनॉल्स इंसुलिन के प्रोडक्शन को कंट्रोल में करके ब्लड शुगर लेवल को भी मैनेज करते हैं। जैतून के तेल में थोड़ी मात्रा में विटामिन K भी होता है, जो हमारी बोन को हेल्दी रखने के लिए काफी इंपोर्टेंट है। जैतून के तेल का रोजाना सेवन करने से इसका असर हमारी हड्डियों की स्ट्रेंथ पर भी दिखता है।

जैतून के तेल में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट हमारे ब्रेन फंक्शन में भी काफी हेल्प करते हैं। जैतून का तेल खाने से उम्र के साथ होने वाली याददाश्त की कमी होने का खतरा भी काफी कम हो जाता हैं। जैतून के तेल का फायदा हमारी स्किन और हेयर पर भी देखने को मिलता है। स्किन या हेयर पर जैतून का तेल सीधे लगाने से यह स्किन और हेयर दोनों को मॉइश्चराइज रखता है।

1. कोलेस्ट्रॉल कम करने में जैतून के तेल के फायदे

जैतून का तेल कोलेस्ट्रॉल को कम करने के लिए काफी जाना जाता है, क्योंकि इसमें ऐसे फैट मौजूद होते हैं, जो बैड कोलेस्ट्रॉल को घटाकर हार्ट को हेल्दी रखते हैं। जैतून के तेल में मौजूद ओलिक एसिड लो डेंसिटी लिपॉप्रोटीन (LDL) कोलेस्ट्रॉल (बैड कोलेस्ट्रॉल) को कम करता है।

इसके अलावा जैतून का तेल हाई डेंसिटी लिपॉप्रोटीन (HDL) कोलेस्ट्रॉल यानी कि गुड कोलेस्ट्रॉल को बढ़ाता है, जिससे हार्ट की हेल्थ बनी रहती है। हाई डेंसिटी लिपॉप्रोटीन ब्लड स्ट्रीम से लो डेंसिटी लिपॉप्रोटीन को खत्म करने का काम करते हैं, जिससे ब्लड स्ट्रीम में ब्लॉकेज नहीं होती है और ब्लड का फ्लो बराबर बना रहता है।

जैतून का तेल विटामिन E और पॉलीफेनोल्स जैसे एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर होता है जो की बॉडी में ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस और इन्फ्लेमेशन को कम करते हैं और कार्डियोवैस्कुलर हेल्थ को अच्छा करने का काम करते हैं।

जैतून के तेल में मौजूद एंटी इन्फ्लेमेटरी प्रॉपर्टीज एथेरोस्क्लेरोसिस (Atherosclerosis) जैसी कार्डियोवैस्कुलर डिजीज के रिस्क को काफी कम करने का काम करती है। एथेरोस्क्लेरोसिस मैं फैट और कोलेस्ट्रॉल आर्टिरीज में काफी जमा होने लगते हैं, इससे हार्ट तक ब्लड का फ्लो रुक रुक कर होने की संभावना बढ़ जाती है और हार्ट अटैक का खतरा बन जाता है। जैतून के तेल का रेगुलर सेवन करना कोलेस्ट्रॉल को काफी अच्छे से कम करता है।

ये भी पढ़ें : कोलेस्ट्रोल क्या होता है? कोलेस्ट्रोल को कम कैसे करे?

2. डिप्रेशन में जैतून के तेल के फायदे

जैतून का तेल हमारी हेल्थ के लिए काफी फायदा करता है लेकिन डिप्रेशन के केस में जैतून के तेल का सीधा असर होने का कोई साइंटिफिक प्रूफ नहीं है। लेकिन जैतून के तेल में पाए जाने वाले एंटीऑक्सीडेंट और कुछ ऐसे फैटी एसिड्स है, जो डिप्रेशन में कुछ हद तक आराम दिला सकते हैं।

जैतून के तेल में ओमेगा 3 फैटी एसिड के साथ कई सारे हेल्दी फैट्स होते हैं, जो की मेंटल हेल्थ के लिए काफी बेनिफिशियल है। जैतून का तेल सामान्य तेल के मुकाबले काफी सारे बेनिफिट्स देता है, जिससे बॉडी की ओवरऑल हेल्थ बनी रहती है।

आजकल मार्केट में ज्यादातर बहुत तेज हीट और केमिकल के द्वारा रिफाइंड किए हुए तेल ही मिलते हैं, जो सेहत के लिए काफी नुकसानदेह हैं। जैतून के तेल में पॉलीफेनॉल भी होते हैं, जो की मेंटल स्ट्रेस से बचाते हैं, जिससे भी डिप्रेशन में कुछ हद तक फायदा हो सकता है। इसके अलावा जैतून के तेल में मौजूद विटामिन E भी एंटीऑक्सीडेंट के रूप में काम करता है, जो की मेंटल स्ट्रेस से आराम दिलाता है।

3. कैंसर से बचाव में जैतून के तेल के फायदे

जैतून के तेल में कुछ ऐसे भी न्यूट्रिएंट्स होते हैं जो कि कैंसर सेल्स को खत्म करके कैंसर से बचाव में मदद करते हैं। जैतून के तेल में पॉलीफेनॉल नामक एंटीऑक्सीडेंट होता है, जो की डाइजेशन प्रोसेस के दौरान बनने वाले फ्री रेडिकल्स को खत्म करने का काम करता है। बॉडी में डाइजेशन के दौरान बनने वाले फ्री रेडिकल्स कई बार कैंसर जैसी हानिकारक बीमारियों का कारण बन जाते हैं।

जैतून के तेल में मोनो अनसैचुरेटेड फैट्स की मौजूदगी भी कैंसर से बचाव में मदद करते हैं। जैतून के तेल में एंटी इन्फ्लेमेटरी प्रॉपर्टीज होती है, जो की इन्फ्लेमेशन को कम करते हैं और इन्फ्लेमेशन वाली जगह पर खराब सेल्स के जरिए कैंसर के बनने के खतरे को काफी हद तक कम करने में मदद करती हैं।

जैतून के तेल का रोजाना सेवन करने से इसमें मौजूद न्यूट्रिएंट्स विटामिन और एंटीऑक्सीडेंट बॉडी फंक्शन को हेल्दी रखते हैं जिससे ओवरऑल बॉडी भी हेल्दी बनी रहती है और हमारे बॉडी कैंसर से बेटर लड़ पाती है। हालांकि जैतून का तेल कैंसर का कोई निश्चित उपाय नहीं है, लेकिन जैतून के तेल के सेवन से हमारी बॉडी में कैंसर से लड़ने की इम्युनिटी कुछ हद तक बढ़ जाती है।

कुछ स्टडीज के जरिए यह भी पता किया गया है कि जैतून के तेल में मौजूद हाइड्रोजेट्रोसोल कैंसर सेल्स को खत्म करने में मदद करता है। जैतून के तेल में ओलियोपिन भी पाया जाता है, जिसमें एंटीट्यूमर प्रॉपर्टीज होती हैं, जो कैंसर सेल्स को बढ़ने से रोकता हैं।

4. हाइपरटेंशन या हाई ब्लड प्रेशर से लड़ने में जैतून के तेल के फायदे

आज के समय में हाइपरटेंशन एक आम बीमारी बन चुकी है। हाइपरटेंशन को हाई ब्लड प्रेशर के नाम से भी जाना जाता है और काफी सारे लोगों को इससे परेशानी रहती है। जैतून के तेल में एंटीऑक्सीडेंट और न्यूट्रिएंट्स की मौजूदगी हाइपरटेंशन को कम करने में कुछ हद तक मदद कर सकती है।

जैतून का तेल मोनो अनसैचुरेटेड फैट्स का अच्छा सोर्स होता है, जो हार्ट को हेल्दी रखने के लिए जाने जाते हैं। ‌यह फैट ब्लड स्ट्रीम में बैड कोलेस्ट्रॉल को जमने से रोकते हैं, जिससे ब्लड का फ्लो लगातार बना रहता है और कोलेस्ट्रॉल की वजह से ब्लडस्ट्रीम के ब्लॉक होने पर हाई ब्लड प्रेशर की समस्या भी नहीं होती है।

जैतून के तेल में मौजूद एंटी इन्फ्लेमेटरी प्रॉपर्टीज आर्टिरीज में इन्फ्लेमेशन को खत्म करते हैं, जिससे ब्लड प्रेशर बराबर रहता है। जैतून के तेल में विटामिन E और पॉलिफिनॉल्स जैसे एंटीऑक्सीडेंट की मौजूदगी भी आर्टरीज को हेल्दी रखने का काम करते हैं।

जैतून का तेल हाई ब्लड प्रेशर वाले पेशेंट में लिपिड प्रोफाइल को अच्छा रखता है, जिससे बॉडी में टोटल कोलेस्ट्रॉल को और हाई ब्लड प्रेशर को भी कम करने में काफी मदद हो जाती है। इसके अलावा जैतून के तेल का रोजाना सेवन करने से ब्लड प्रेशर को नॉरमल लेवल पर लाने में काफी हेल्प मिलती है, जिससे हाइपरटेंशन का रिस्क काफी कम हो जाता है। साथ ही में जैतून के तेल का रोजाना सेवन अन्य रिफाइंड तेलों के मुकाबले बॉडी को हेल्दी रखने में काफी कंट्रीब्यूशन करता है।

5. पाचन में जैतून के तेल के फायदे

जैतून का तेल लाइट होने की वजह से हमारे पाचन पर इसका काफी असर पड़ता है। जैतून के तेल में कुछ ऐसी प्रॉपर्टीज होती हैं, जो कि हमारे नित्य कर्मों को रेगुलर करने में काफी मदद करती हैं। इसके अलावा थोड़ी मात्रा में जैतून के तेल को सुबह खाली पेट खाने से कुछ लोगों में कब्ज से भी राहत मिल सकती है। जैतून के तेल का सेवन करने से इसका असर हमारे गॉलब्लैडर यानी पित्तासय पर भी पड़ता है। डाइजेशन के दौरान हमारा गॉलब्लैडर डाइजेशन के लिए जरूरी बाइल जूस को रिलीज करने का काम करता है।

जैतून के तेल में मौजूद एंटी इन्फ्लेमेटरी प्रॉपर्टीज वाले कंपाउंड डाइजेस्टिव ट्रैक्ट को हेल्दी रखने का काम करते हैं, जिससे गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल इशू होने का खतरा काफी कम हो जाता है। गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल इश्यूज में डायरिया, अपाचन और कोलोरेक्टल कैंसर जैसी बीमारियां आती है। जैतून के तेल में मोनो अनसैचुरेटेड फैट्स की भी मात्रा अच्छी होती है, जो आसानी से डाइजेस्ट किया जा सकते हैं और ओवरऑल डाइजेस्टिव हेल्थ के लिए काफी बेनिफिशियल होते हैं।

यह हेल्दी फैट्स डाइजेशन के दौरान न्यूट्रिएंट्स के बेटर अब्जॉर्प्शन में मदद करते हैं, जिससे ओवरऑल डाइजेस्टिव सिस्टम हेल्दी बना रहता है। इसके साथ ही जैतून के तेल का हमारे स्टमक पर प्रोटेक्टिव इफेक्ट होता है, जो की पेट में अल्सर होने के खतरे को काफी कम कर देते हैं।

ये भी पढ़ें : चना (Chickpea) के प्रकार, फायदे, उपयोग, नुकसान – Chickpeas in Hindi

जैतून के तेल का सभी पर पॉजिटिव इफेक्ट होता है और यह उनकी ओवरऑल हेल्थ को मेंटेन रखना है, लेकिन ओलिव ऑयल की क्वालिटी भी बॉडी को हेल्दी रखने में मैटर करती है। सेहत को सही रखने के लिए एक्स्ट्रा वर्जिन ओलिव ऑयल और वर्जिन ओलिव ऑयल का ही सेवन करना चाहिए।

6. माइग्रेन में आराम दिलाने के लिए जैतून के तेल के फायदे

डिप्रेशन की तरह ही माइग्रेन में भी जैतून के तेल से सीधा फायदा होने का‌ कोई भी साइंटिफिक प्रूफ नहीं है, लेकिन जैतून के तेल में कुछ एंटीऑक्सीडेंट की मौजूदगी माइग्रेन को कम करने का काम कर सकते हैं। जैतून के तेल में मौजूद ओमेगा 3 फैटी एसिड माइग्रेन में कुछ राहत दिलाने का काम कर सकते हैं। ओमेगा 3 फैटी एसिड में न्यूरो प्रोटेक्टिव फीचर होते हैं, जो की माइग्रेन होने पर उसको कम करने का काम अच्छे से करते हैं।

जैतून का तेल बहुत से लोगों के द्वारा मसल पेन को कम करने के लिए भी प्रयोग किया जाता है, जिससे ओवरऑल बॉडी को आराम मिल सकता है और इससे माइग्रेन कम होने के चांसेस भी काफी बढ़ जाते हैं। जैतून के तेल में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट ब्लड में न्यूट्रिएंट्स के बेटर अब्जॉर्प्शन में मदद करते हैं, जिससे ब्रेन तक न्यूट्रिएंट्स और ऑक्सीजन अच्छी मात्रा में सप्लाई हो पाती हैं और इससे माइग्रेन में राहत मिल सकती है।

7. त्वचा को स्वस्थ रखने के लिए जैतून के तेल के फायदे

जैतून का तेल स्किन को हेल्दी रखने में काफी मदद करता है। इसी वजह से छोटे बच्चों को जैतून के तेल की मालिश की जाती है। जैतून का तेल स्किन को मॉइश्चराइज्ड और हाइड्रेटेड रखने का काम काफी अच्छे से करता है। जैतून का तेल स्किन को सॉफ्ट और लचीला बनाता है जिससे स्किन के ड्राई होने के चांसेस काफी कम हो जाते हैं। जैतून के तेल में विटामिन E और एंटीऑक्सीडेंट काफी मात्रा में होते हैं, जो की स्किन को ड्राई होने से बचाते हैं। इस तरह से स्किन सॉफ्ट और यंग बनी रहती है।

जैतून के तेल में एंटी इन्फ्लेमेटरी प्रॉपर्टीज होती हैं, जो की स्किन में बैक्टीरिया या किसी भी प्रकार से हुए इन्फ्लेमेशन को कम करती है। जैतून के तेल में सन प्रोटेक्शन फैक्टर यानी एसएफ नहीं होता है, लेकिन फिर भी जैतून का तेल स्किन को सूरज की यू वी किरणों से बचाने का काम करता है। जैतून का तेल स्किन से मेकअप हटाने का भी अच्छा काम करता है।

जैतून का तेल स्किन से मेकअप हटाने के साथ ही साथ मॉइश्चराइज्ड भी रखता है, जिससे स्किन सॉफ्ट बनी रहती है। किसी भी तरह के स्किन इन्फेक्शन में जैतून के तेल की मालिश करने से इन्फेक्शन काफी जल्दी रिकवर हो जाता है और स्किन भी सॉफ्ट हो जाती है।

8. हार्ट हेल्थ के लिए जैतून के तेल के फायदे

जैतून के तेल का रोजाना सेवन करने से इसका हमारे हार्ट पर पॉजिटिव इफेक्ट पड़ता है। जैतून के तेल में मौजूद मोनोअनसैचुरेटेड फैट्स एस्पेशली ओलिक एसिड हमारी बॉडी में बेड कोलेस्ट्रॉल को घटाकर हेल्दी कोलेस्ट्रॉल के प्रोडक्शन को बढ़ाता है, जिससे हमारा हार्ट हेल्दी बना रहता है। जैतून के तेल में विटामिन E और पॉलीफेनोल्स नामक एंटीऑक्सीडेंट की मौजूदगी हमारी बॉडी में फ्री रेडिकल्स को खत्म करके हार्ट की हेल्थ मेंटेन करने का काम करते हैं।

जैतून के तेल में आयलीवेनोयड्स की मौजूदगी भी हमारी बॉडी में ब्लड प्रेशर को मेंटेन करते हैं, जिससे हार्ट को हेल्दी रखने में मदद मिलती है। जैतून का तेल बॉडी में स्ट्रेस को भी कम करता है, जिससे हमारे हार्ट पर कम प्रेशर पड़ता है और हार्ट की हेल्थ बनी रहती है।

9. डायबिटीज से बचाव में जैतून के तेल के फायदे

जैतून के तेल में ओलिक एसिड नामक मोनोअनसैचुरेटेड फैट बॉडी में इंसुलिन के प्रोडक्शन को मैनेज करता है, जिससे दिल की बीमारी में राहत मिलती है और डायबिटीज होने का रिस्क काफी कम हो जाता है। जैतून के तेल के रोजाना सेवन करने से हार्ट की हेल्थ बनी रहती है जो कि किसी भी डायबिटिक पेशेंट के लिए काफी जरूरी होता है। जैतून के तेल में विटामिन E और पॉलीफेनोल्स नामक एंटीऑक्सीडेंट बॉडी में ब्ल्ड में शुगर के कंटेंट को कंट्रोल करने में हेल्प करते हैं।

इसके अलावा जैतून काफी लाइट वेट होता है, इस वजह से इसके रोजाना सेवन करने से डायबीटिक पेशेंट में वजन कंट्रोल में रहता है। जैतून के तेल का ग्लिसमिक इंडेक्स जीरो होता है, जो की ब्ल्ड में शुगर के अब्जॉर्ब होने की प्रक्रिया को एकदम कम कर देता है, इससे भी ब्लड शुगर कंटेंट काफी हद तक कंट्रोल में रहता है।

जैतून के तेल का ग्लिसमिक इंडेक्स जीरो होने की वजह से इसको सबसे हेल्दी ऑयल माना जाता है। जैतून का तेल कुछ हद तक पेट को भी भरा रहता है, जिससे डायबिटिक पेशेंट में और कुछ खाने की इच्छा काफी कम होती है, इससे भी ब्लड शुगर इंटेक कंट्रोल में रहता है।

10. बालों के लिए जैतून के तेल के फायदे

जैतून के तेल को खाने के तो बहुत से फायदे होते हैं, लेकिन बालों में जैतून के तेल को लगाने से भी काफी फायदा होता है। जैतून के तेल में मौजूद विटामिन E और दूसरे एंटीऑक्सीडेंट बालों को हेल्दी बनाए रखते हैं। यदि किसी भी प्रकार से हमारे बाल डैमेज हैं और उनमें ओलिव ऑयल लगाया जाए, तो कुछ ही दिनों में इसका असर दिखाई देने लगता है।

जैतून के तेल में मौजूद फैट्स और एमोलिएंट्स बालों को मॉइश्चराइज्ड रखने के साथ ही साथ उनमें मॉइश्चर बनाए रखते हैं। बालों में मॉइश्चर बने रहने से बाल पहले के मुकाबले शाइनी और सॉफ्ट बने रहते हैं, जिससे इनका टूटना भी काफी कम हो जाता है। जैतून के तेल को बालों पर लगाने से बालों में एक अलग ही चमक आ जाती है।

जैतून के तेल में मौजूद विटामिन और मिनरल्स बालों में स्ट्रैंथ और हेल्थ बनाए रखने का काम करते हैं, जिससे दो मुंहे बाल और बालों के टूटने की समस्या से काफी हद तक आराम मिलता है। जैतून के तेल लगाने से बालों को काफी मात्रा में विटामिन मिलने लगते हैं, जिससे बालों की ग्रोथ भी पहले के मुकाबले काफी तेजी से होने लगती है। बालों की ग्रोथ बनी रहने से और उनके न टूटने से कुछ समय के बाद बालों की लेंथ भी काफी अच्छी हो जाती है।

जैतून का तेल स्कैल्प में डैंड्रफ होने से भी बचाता है। डैंड्रफ में स्कैल्प पर डेड स्किन सेल्स की क्वांटिटी काफी ज्यादा होने लगती है, जो की इंफेक्शन का खतरा बढ़ा देती है। जैतून का तेल स्कैल्प को मॉइश्चराइज्ड कर के डैंड्रफ को भी कम करने में काफी मदद करता है। जैतून के तेल में एंटी फंगल प्रॉपर्टी भी होती है, जो की स्कैल्प में किसी भी प्रकार के इंफेक्शन को होने से बचाती है

11. हड्डियों को मजबूत बनाने में जैतून के तेल के फायदे

जैतून के तेल का हमारी बोन स्ट्रैंथ पर कोई डायरेक्ट इफेक्ट नहीं होता है और ना ही इसका कोई साइंटिफिक प्रूफ है। हालांकि जैतून का तेल हमारी बोन डेवलपमेंट के लिए कुछ न्यूट्रिएंट्स जरूर प्रदान कर सकता है। जैतून के तेल में विटामिन E पाया जाता है, जो कि हमारी हड्डियों की हेल्थ के लिए काफी बेनिफिशियल होता है।

जैतून के तेल में काफी कम मात्रा में विटामिन D भी होता है। विटामिन डी हमारी बॉडी में कैल्शियम को एक्टिवेट करने का काम करता है, जो की बोन ग्रोथ के लिए सबसे प्राइमरी कंपोनेंट है। जैतून के तेल में ओलिक एसिड की मौजूदगी भी हमारी बोन स्ट्रैंथ के लिए काफी बेनिफिशियल होती है। ओलिक एसिड हमारी बोन्स को स्ट्रैंथ प्रोवाइड करता है और बॉडी में कोलेस्ट्रॉल कंटेंट को कंट्रोल रखने का काम करता है।

12. दर्द से आराम दिलाने में जैतून के तेल के फायदे

जैतून का तेल अपनी कुछ प्रॉपर्टीज के जरिए दर्द से आराम दिलाने में कुछ मदद कर सकता है। जैतून के तेल में बहुत सारे एंटीऑक्सीडेंट और काफी एंटी इन्फ्लेमेटरी प्रॉपर्टीज होती हैं, जो की स्वेलिंग को कम करने में मदद कर सकती हैं। इसके अलावा बहुत सी जगह पर जैतून के तेल को मसाज ऑयल के रूप में भी उपयोग किया जाता है क्योंकि इसमें मौजूद एंटीऑक्सीडेंट स्किन में अब्जॉर्ब होकर स्किन को हेल्दी रखते हैं। जैतून का तेल मसल क्रैंप्स और नर्व्स को रिलैक्स करने में भी काफी मदद करता है, जिससे दर्द का निवारण हो सकता है।

ये भी पढ़ें : तिल (Sesame Seeds) के फायदे, प्रकार, उपयोग, नुकसान – Sesame Seeds in Hindi

इसके अलावा जैतून का तेल एक मॉइश्चराइजर का भी काम करता है, जिससे स्किन हाइड्रेटेड बनी रहती है और स्वेलिंग होने का रिस्क काफी कम हो जाता है। इसके अलावा बहुत से लोग मेडिटेशन में भी जैतून के तेल का उपयोग करते हैं, क्योंकि जैतून का तेल माइंड को शांत करके रिलेक्स कराता है।

जैतून के तेल में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट हमारी बॉडी को इंटरनली काल्म करने के लिए काफी मदद करते हैं। जैतून के तेल का कुछ महिलाएं पीरियड क्रैंप्स में भी प्रयोग करती हैं, क्योंकि जैतून के तेल में मौजूद एंटी इन्फ्लेमेटरी प्रॉपर्टीज इन क्रैंप्स में कुछ मदद कर सकते हैं। हालांकि जैतून का तेल किसी भी प्रकार का दर्द निवारक नहीं होता है।

13. गंजेपन की समस्या में जैतून के तेल के फायदे

बाल्डनेस यानी कि गंजेपन की समस्या में जैतून का तेल अपनी प्रॉपर्टीज की वजह से काफी लाभ दे सकता है लेकिन यह जरूरी नहीं है कि सिर्फ जैतून के तेल का प्रयोग करके गंजेपन की समस्या से छुटकारा पाया जा सके। जैतून के तेल में विटामिन E, मोनोअनसैचुरेटेड फैट्स के साथ ही साथ और भी बहुत से न्यूट्रिएंट्स होते हैं, जो की सर पर लगाने से स्कैल्प को मॉइश्चराइज्ड रखने का काम करते हैं। स्कैल्प पर मॉइश्चर बने रहने से हेयर फॉलिकल्स में मॉइश्चर बना रहता है और वह टूटकर गिरते नहीं है। जैतून के तेल का प्रयोग सर पर मसाज में भी किया जाता है।

जैतून के तेल का सिर पर मसाज करने से जैतून का तेल स्कैल्प में काफी अंदर तक जाकर छोटे-छोटे नए हेयर फॉलिकल्स में न्यूट्रिएंट्स और मॉइश्चर देता है। हेयर फॉलिकल्स में न्यूट्रिएंट्स और मॉइश्चर मिलने से उनके ग्रोथ काफी तेज हो जाती है। जैतून के तेल में विटामिन E भी पाया जाता है, जो की बालों को स्ट्रैंथ और शाइन देने का काम करता है।

जैतून के तेल की मालिश सर पर करने से स्कैल्प में माइक्रो सरकुलेशन बेटर हो जाता है जिससे बालों तक प्रॉपर न्यूट्रिशन आराम से पहुंच पाता है। इसके अलावा जैतून के तेल में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट बालों को एनवायरमेंटल डैमेज और स्ट्रेस से भी बचते हैं जिससे बालों का टूटना काफी कम हो जाता है।

14. कान के दर्द में जैतून के तेल के फायदे

Benefits Of Olive Oil In Ear Pain In Hindi
Benefits Of Olive Oil In Ear Pain In Hindi

जैतून के तेल का कान के दर्द में उपयोग करने का कोई भी डायरेक्ट साइंटिफिक प्रूफ नहीं है हालांकि होम मेड रेमेडीज में जैतून का तेल कान के दर्द में काफी आराम दे सकता है। कान का दर्द आमतौर पर कान के अंदर सूजन या फिर किसी प्रकार के कीड़े के काटने के द्वारा हो सकता है। जैतून के तेल में एंटी इन्फ्लेमेटरी प्रॉपर्टीज होती है जो दर्द और स्वेलिंग को कम करने का काम करती हैं, जैतून के तेल को हल्का गर्म करके कान में डालने से इसका असर इन्फ्लेमेशन वाली जगह पर काफी तेजी से होता है।

इसके अलावा जैतून के तेल को हल्का गर्म करके कान में डालने से कान में लुब्रिकेशन भी बेटर हो जाता है, जिससे भी कान में हो रहे दर्द में आराम मिल सकता है। जैतून के तेल में एंटीबैक्टीरियल प्रॉपर्टीज भी होती हैं जो कान में किसी भी प्रकार की बैक्टीरियल इन्फेक्शन को खत्म करने में मदद कर सकती हैं।

इस सबके अलावा जैतून का तेल बॉडी में कोलेस्ट्रॉल के लेवल को कम करके ब्लड का फ्लो मेंटेन करता है, जिससे कान में इन्फ्लेमेशन या इन्फेक्शन वाली जगह पर ब्ल्ड का फ्लो बेटर होने लगता है।इससे इन्फेक्शन वाली जगह पर न्यूट्रिएंट्स की सप्लाई अच्छी मात्रा में होने लगती है और इंफेक्शन की समस्या से काफी जल्दी आराम मिल सकता है।

15. मुँह के रोग में जैतून के तेल के फायदे

जैतून का तेल अपनी एंटी इन्फ्लेमेटरी प्रॉपर्टीज की वजह से माउथ डिजीज में काफी आराम देता है। जैतून के तेल का प्रयोग माउथ ड्राइनेस को कम करने के लिए किया जा सकता है, क्योंकि माउथ ड्राई रहने से माउथ में बैक्टीरियल ग्रोथ बढ़ाने लगती है, जिससे माउथ स्मेल करने लगता है। जैतून का तेल माउथ को मॉइश्चराइज करके माउथ ड्राइनेस से छुटकारा दिलाता है।

जैतून के तेल में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट और एंटी इन्फ्लेमेटरी प्रॉपर्टीज माउथ नर्व्स को काल्म करके सेंसटिविटी में भी कुछ हद तक आराम देते हैं। जैतून के तेल में एंटीमाइक्रोबॉयल प्रॉपर्टीज भी होती है जो की माउथ में बैक्टीरियल ग्रोथ को कंट्रोल करके माउथ इन्फेक्शन से बचते हैं।

इसके अलावा जैतून का तेल माउथ अल्सर की स्थिति में माउथ तक ब्ल्ड का फ्लो अच्छा करता है, जिससे माउथ अल्सर में काफी जल्दी आराम मिल जाता है। जैतून के तेल में एंटीबैक्टीरियल प्रॉपर्टीज होने की वजह से यह माउथ अल्सर को और बढ़ने से भी रोकता है। जैतून के तेल का माउथ रिलेटेड डिसीसिस में काफी उपयोग किया जाता है, यह जिंजिवाइटिस और बैद स्मेल को खत्म करने में काफी हेल्प करता है।

ऊपर बताई गई जैतून के तेल की प्रॉपर्टीज केवल माउथ डिजीजेज को कुछ हद तक रोकने में मदद कर सकती हैं, माउथ रिलेटेड डिसीसिस में जैतून का तेल कोई संपूर्ण इलाज नहीं है।

16. सर्दी खांसी में जैतून के तेल के फायदे

जैतून के तेल में मौजूद एंटी इन्फ्लेमेटरी प्रॉपर्टीज सर्दी खांसी के दौरान गले में हो रही इरिटेशन और स्वेलिंग को कम करने में काफी लाभ दे सकता है। सर्दी और खांसी में गले की स्वेलिंग कम हो जाने से काफी आराम मिलता है। सर्दी और खांसी में जैतून के तेल में मौजूद एंटी इन्फ्लेमेटरी प्रॉपर्टीज के जरिए गले में होने वाले बैक्टीरिया इन्फ्लेमेशन को भी कम करने में काफी मदद करता है।

जैतून के तेल को हल्के गुनगुने पानी में मिलाकर पीने से भी गले की खराश के साथ सर्दी और खांसी में काफी आराम मिलता है। इसके साथ ही यदि जैतून का तेल को हल्के गुनगुने पानी में मिलाकर गरारा किया जाए, तो गले में खराश और खांसी से निजात मिल सकता है।

सर्दी और खांसी में नाक बंद होने की समस्या काफी आम होती है, इसमें दम घुटने की संभावना भी काफी अधिक हो जाती है। जैतून का तेल में मौजूद एंटी इन्फ्लेमेशन प्रॉपर्टीज बंद नाक को खोलने में भी काफी आराम देती है। जैतून के तेल को गर्म दूध के साथ मिलाकर पीने से खांसी और सर्दी में यह काफी बेनिफिशियल हो जाता है क्योंकि दूध गले में हो रहे इरिटेशन को स्मूथ करता है और जैतून का तेल गले में हो रही स्वेलिंग को कम करके आराम पहुंचता है।

जैतून के तेल को हल्का गर्म करके शहर के साथ खाने पर भी सर्दी और खांसी में काफी आराम मिलता है। जैतून का तेल और शहद दोनों में एंटी इन्फ्लेमेटरी प्रॉपर्टीज होती है, जो की सर्दी व खांसी में गले में हो रही खराश से छुटकारा दिलाते हैं।

17. मूत्र रोग में जैतून के तेल के फायदे

जैतून के तेल में मौजूद एंटी इन्फ्लेमेटरी प्रॉपर्टीज यूरिनरी ट्रैक्ट में होने वाले बैक्टीरिया इन्फ्लेमेशन को कम करने में मदद कर सकते हैं। इसके साथ जैतून के तेल में मौजूद विटामिन ए और पॉलिफिनॉल्स यूरिनरी इनफेक्शन में सेल्स को हेल्दी रखने का काम करते हैं, जिससे इंफेक्शन से जल्दी रिकवर किया जा सके।

जैतून के तेल डायरेटिक होता है, जिससे बॉडी में बनने वाला एक्सेस फ्ल्यूड यूरिन के जरिए बॉडी से बाहर निकल जाता है और बॉडी में किसी भी प्रकार के हार्मफुल तत्व नहीं बचते हैं, जो इन्फेक्शन को और बढ़ाने का काम करते हो। जैतून के तेल का सेवन करने से बॉडी में ब्लड का फ्लो बटर हो जाता है, जिससे इन्फेक्शन वाली एरिया पर ब्लड न्यूट्रिएंट्स की बेटर सप्लाई कर पाता है और इंफेक्शन से जल्दी रिकवर करने में मदद मिलती है।

18. जोड़ों के दर्द में जैतून के तेल के फायदे

जैतून के तेल में मौजूद ओलिक एसिड और पॉलीफेनोल्स जॉइंट्स में स्वेलिंग को कम करने का काम करते हैं, जिससे जॉइंट पेन होने का रिस्क काफी कम हो जाता है। जैतून के तेल में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट के कारण इसे पेन किलर के रूप में भी उपयोग किया जाता है, जिसकी वजह से जोड़ों के दर्द को कम करने में यह कुछ हद तक आराम दे सकता है।

ये भी पढ़ें : सोयाबीन (Soya Bean) के फायदे, प्रकार, उपयोग, नुकसान – Soybean in Hindi

यह एंटीऑक्सीडेंट जॉइंट हेल्थ को भी बनाए रखने में काफी मदद करते हैं। जैतून का तेल में पेनिट्रेटिंग इफेक्ट भी काफी अच्छा होता है, जो की जॉइंट्स को लुब्रिकेंट करने का काम करता है और जॉइंट पेन की स्थिति से बचा जा सकता है। जैतून के तेल में ऑलिवेनोलिक एसिड की मौजूदगी भी जोड़ों को हेल्दी रखने में काफी मदद करता है। जैतून के तेल का प्रयोग करने से अर्थराइटिस से भी बचा जा सकता है।

19. घाव को सुखाने में जैतून के तेल के फायदे

जैतून के तेल में एंटीबैक्टीरियल प्रॉपर्टीज होती हैं, जो कि किसी भी प्रकार के घाव में बैक्टीरिया इन्फेक्शन होने से रोकता है। इसके साथ ही जैतून का तेल घाव के आसपास की स्किन को मॉइश्चराइज करके घाव को जल्दी भरने का काम करता है। स्किन के मॉइश्चराइज्ड रहने से घाव तक न्यूट्रिएंट रिच ब्लड की सप्लाई बढ़ जाती है, जिससे वहां की सेल्स को रिकवर होने में काफी हेल्प हो जाती है।

इसके अलावा जैतून के तेल में मौजूद एंटी इन्फ्लेमेटरी प्रॉपर्टीज भी घाव को भरने में मदद करती हैं और इसमें मौजूद विटामिन स्किन में प्रॉपर न्यूट्रिशन बनाए रखने का काम करता है। जैतून के तेल को डॉक्टर की सलाह से दूसरे हेल्पफुल प्रोडक्ट जैसे नीम, हल्दी, एलोवेरा आदि के साथ मिलाकर घाव को सुखाने के लिए एक बेनिफिशियल लोशन बनाया जा सकता है।

20. चर्म रोगों में जैतून के तेल के फायदे

जैतून के तेल में स्किन को मॉइश्चराइज्ड रखने की प्रॉपर्टी काफी अच्छी होती है, जिससे स्किन हाइड्रेटेड रहती है। इससे स्किन सॉफ्ट और लचीली बन जाती है। ज्यादातर स्किन डिसीसिस का कारण ड्राई स्किन होना ही होता है, ऐसे में स्किन पर जैतून का तेल लगाने से काफी आराम मिलता है। इसके अलावा जैतून के तेल में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट जैसे विटामिन E और पॉलिफिनॉल्स स्किन में न्यूट्रिशन बनाए रखते हैं, जिससे स्किन डिसीज होने का रिस्क काफी कम हो जाता है।

जैतून के तेल में एंटी इन्फ्लेमेटरी प्रॉपर्टीज होती है, जो स्किन में जलन और स्वेलिंग को कम करने में काफी मदद कर सकते हैं। जैतून के तेल में मौजूद विटामिन E सूरज की हार्मफुल रेय्स से प्रोटेक्शन देता है, जिससे भी स्किन डिसीज होने का खतरा काफी कम हो जाता है।

21. पसीने की बदबू को दूर करने में जैतून के तेल के फायदे

पसीने की बदबू को दूर करने के लिए जैतून के तेल से किसी भी प्रकार का फायदा होने का कोई भी साक्ष्य नहीं है। जैतून का तेल सिर्फ माउथ स्मेल को कम करने में कुछ फायदा दे सकता है। हालांकि पसीने की बदबू को दूर करने के लिए ज्यादा से ज्यादा पानी पीने की कोशिश करे। इससे हमारी बॉडी में बदबू फैलने वाले हार्मफुल पार्टिकल्स यूरिन के जरिए बॉडी से बाहर निकल जाएंगे और पसीने से बदबू आना काफी कम हो जाएगी। इसके साथ ही पसीने से बदबू को कम करने के लिए सादा भोजन करने की कोशिश करें।

22. वजन घटाने के लिए जैतून का तेल के फायदे

खाने में जैतून का तेल प्रयोग करने से जैतून के तेल में मौजूद मोनो अनसैचुरेटेड फैत बैलेंस्ड भोजन प्रोवाइड करते हैं, जिससे पेट भरा रहता है और बार-बार भूख नहीं लगती है। बार-बार भूख नहीं लगने से टोटल कैलोरी इनटेक भी कंट्रोल में रहता है और वजन को कम करने में सहायता मिलती है।

जैतून के तेल में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट कोलेस्ट्रॉल को कम करके बॉडी में फैट के ग्रोथ को भी मैनेज करते हैं, जो की ओवरऑल वेट लॉस में कंट्रीब्यूट करते हैं। जैतून के तेल में मौजूद विटामिन E बॉडी में प्रोटीन के प्रोडक्शन को बढ़ाने में मदद करता है, जिससे बॉडी में स्टोर, फैट गलने की प्रोसेस बढ़ जाती है। इसके अलावा जैतून के तेल में मौजूद हेल्दी फैट्स भूख को कंट्रोल में रखकर वेट लॉस में हेल्प करते हैं।

 ये भी पढ़ें : मोटापा कैसे कम करें?

23. कब्ज के लिए जैतून के तेल के फायदे

जैतून के तेल में मौजूद मोनोअनसैचुरेटेड फैट्स डाइजेशन को हेल्दी रखने में मदद करते हैं, जो कि हमारे नित कर्मों को रेगुलर करके हमारे आंतों को हेल्दी रखता है। आंतों के हेल्दी रहने से बॉडी में न्यूट्रिएंट्स का बैटर अब्जॉर्प्शन हो पता है। इसके अलावा नित्य कर्मों के रेगुलर हो जाने से कब्ज की समस्या से निजात मिलता है।

जैतून के तेल में थोड़ी मात्रा में फाइबर भी होता है, जो की डाइजेशन को बेटर करने में हेल्प करता है। डाइजेशन के अच्छे हो जाने से कब्ज से अपने आप ही आराम मिलने लगता है। जैतून के तेल में मौजूद हेल्दी फैत आंतों के फंक्शन में मदद करते हैं, जिससे भी डाइजेशन अच्छा बना रहता है।

जैतून के तेल में मौजूद एंटी इन्फ्लेमेटरी प्रॉपर्टीज कब्ज की स्थिति में होने वाले आंतों में स्वेलिंग को कम करने में हेल्प करती हैं। इसके अलावा जैतून के तेल का डाइजेस्टिव सिस्टम पर ठंडा प्रभाव होता है, जिससे डाइजेशन पर कुछ इफेक्ट पड़ता है।

24. मस्तिष्क स्वास्थ्य के लिए जैतून के तेल के फायदे

जैतून के तेल में मौजूद विटामिन E और पॉलिफिनॉल्स ब्रेन को डाइजेशन के दौरान बनने वाले फ्री रेडिकल्स से बचाते हैं। फ्री रेडिकल्स ब्रेन में मौजूद न्यूरॉन्स को डैमेज कर सकते हैं। जैतून के तेल में मौजूद हेल्दी फैत बॉडी में कहीं पर भी हो रहे इन्फ्लेमेशन और स्वेलिंग को कम करते हैं, जिससे न्यूट्रिएंट्स और ऑक्सीजन रिच ब्लड की सप्लाई ब्रेन तक लगातार होती रहती है और ब्रेन बेटर काम कर पता है।

इसके अलावा जैतून का तेल बॉडी में बेड कोलेस्ट्रॉल को घटाकर हेल्दी कोलेस्ट्रॉल के प्रोडक्शन को बढ़ाता है, जिससे हार्ट की हेल्थ बनी रहती है और ऑक्सीजन रिच ब्लड की सप्लाई ब्रेन तक लगातार बनी रहती है। यह हेल्दी फैट ब्रेन में मौजूद न्यूरल मेंब्रेन की प्रोटेक्शन और डेवलपमेंट में मदद करते हैं, जो की प्रॉपर ब्रेन फंक्शन के लिए काफी जरूरी है।

इसके अलावा जैतून के तेल में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट स्ट्रेस को भी कम करते हैं, जिसका असर ब्रेन फंक्शन पर भी देखने को मिलता है। जैतून के तेल में पाए जाने वाले विटामिन और दूसरे न्यूट्रिएंट्स हमारे मूड और मेंटल हेल्थ को स्टेबल रखने में मदद करते हैं।

25. होठों के लिए जैतून का तेल के फायदे

जैतून के तेल में स्किन को मॉइश्चराइजर रखना और सॉफ्ट करने की प्रॉपर्टीज होती है। इसी प्रकार जैतून के तेल को होठों पर लगाने से यह होठों की स्किन को मॉइश्चराइज्ड और सॉफ्ट रखने के साथ ही साथ होठों को हाइड्रेटेड भी रखता है जिससे होंठ फटने की समस्या से छुटकारा मिलता है।

जैतून के तेल को बार-बार होठों पर लगाने से यह होठों को मॉइश्चराइज्ड तो रखता ही है, लेकिन साथ में ही होठों को निखारने का काम भी करता है। जैतून के तेल में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट होठों को हेल्दी रखने का काम करते हैं। जैतून का तेल का होठों पर उपयोग करने से होठों को सूर्य की हार्मफुल यू वी रेय्स से बचाया जा सकता है। इसमें मौजूद विटामिन E स्किन को प्रोटेक्ट करने का काम करता है।

26. एंटी एजिंग या झुर्रियों से बचाने व के लिए जैतून के तेल के फायदे

जैतून का तेल में ओलिक एसिड जैसे हेल्दी फैत होते हैं, जो स्किन में मॉइश्चर को बनाए रखते हैं और झुर्रियों को कम करने में मदद करते हैं। स्किन में मॉइश्चर बने रहने से स्किन सॉफ्ट और लचीली रहती है। जैतून के तेल में मौजूद विटामिन E स्किन को प्रॉपर न्यूट्रिशन और हाइड्रेटेड रखते हैं। जैतून के तेल में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट विटामिन E के साथ मिलकर बॉडी में स्ट्रेस को कम करते हैं, जिससे इसका असर हमारी स्किन पर भी दिखाई देता है। स्ट्रेस नहीं होने पर स्किन पर निखार अलग से ही दिखाई देता है।

जैतून के तेल में मौजूद एंटी इन्फ्लेमेटरी प्रॉपर्टीज फेस पर किसी भी प्रकार की इन्फ्लेमेशन या स्वेलिंग होने पर उसको जल्दी से जल्दी काम करने में मदद करते हैं, जिससे फेस स्किन यंग और नरिश्ड लगती है। एक्स्ट्रा वर्जिन ओलिव ऑयल का प्रयोग फेस मॉइश्चराइजर के रूप में भी किया जा सकता है लेकिन इसे लगाने के बाद फेस काफी आयली रहेगा। जैतून के तेल में एंटी इन्फ्लेमेटरी और एंटीबैक्टीरियल प्रॉपर्टीज होने की वजह से यह एक्ने और पिंपल पर भी असर दिखाता है।

27. बालों की रूसी को कम करने में जैतून के तेल के फायदे

बालों में रुसी होने को इंग्लिश में डैंड्रफ के नाम से भी जाना जाता है। स्कैल्प में जब डेड स्किन सेल्स काफी ज्यादा मात्रा में कलेक्ट हो जाती हैं, तब यह सेल्स स्कैल्प पर एक व्हाइट लेयर बना लेती हैं, जिससे बैक्टीरियल इंफेक्शन होने का खतरा काफी बढ़ जाता है। जैतून का तेल स्कैल्प को मॉइश्चराइज्ड रखने का काम करता है, जिससे डैंड्रफ होने का खतरा काफी कम हो जाता है।

जैतून के तेल में एंटीबैक्टीरियल और एंटीफंगल प्रॉपर्टीज होती हैं, जो की स्कैल्प में किसी भी तरह के बैक्टीरिया या फंगल इन्फेक्शन को होने से बचाती हैं। जैतून के तेल में मौजूद हेल्दी फैट्स बालों को सॉफ्ट और मॉइश्चराइज्ड रखते हैं, जिससे डेड हेयर सेल्स का बनना भी काफी कम हो जाता है। जैतून के तेल का स्कैल्प पर रोजाना मसाज करने से यह स्कैल्प को हाइड्रेटेड रखता है, जिससे ड्राई स्कैल्प में खुजली की समस्या भी नहीं होती है।

ये भी पढ़ें : बालों का झड़ना रोकने के लिए क्या करें? बालों को बढ़ाने के घरेलू उपाय क्या है? 

28. स्किन व्हाइटनिंग या खूबसूरती बढ़ाने में जैतून के तेल के फायदे

जैतून के तेल में मौजूद विटामिन E और न्यूट्रिएंट्स स्किन को मॉइश्चराइज रखने में मदद करते हैं, जिससे स्किन सॉफ्ट और ब्राइट बनी रहती है। जैतून के तेल में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट और विटामिन स्किन पर बढ़ती एज के साथ पढ़ने वाले इफेक्ट को कम करने में मदद करते हैं, जिससे झुर्रियों में कमी आती है। इसलिए कहा जा सकता है, कि जैतून के तेल में एंटी एजिंग प्रॉपर्टी भी होती है। जैतून का तेल बाल और स्कैल्प को हेल्दी रखने का काम काफी अच्छे से करता है।

किसी भी महिला के लिए उसके बाल किसी वरदान से कम नहीं होते हैं, और यदि उसके बाल हेल्दी और खूबसूरत हैं, तो वह उस महिला की खूबसूरती में चार चांद लगा देते हैं। जैतून का तेल का उपयोग फेस क्लीनिंग के लिए भी किया जाता है। जैतून के तेल मौजूद एंटीबैक्टीरियल प्रॉपर्टीज फेस स्किन को क्लीन और हेल्दी रखने में मदद करती हैं। इन सबके अलावा जैतून का तेल हमारे स्किन को सूरज की हार्मफुल यू वी रेय्स से भी बचाता है, जिससे सनबर्न होने का खतरा काफी कम हो जाता है।

29. स्तन मालिश के लिए जैतून का तेल – Olive Oil Breast Massage Benefits in Hindi

ऑलिव ऑयल से ब्रेस्ट मसाज करने से ब्रेस्ट में ब्लड सर्कुलेशन बेहतर होता है। इससे पोषक तत्व आसानी से ब्रेस्ट तक पहुंच जाते हैं, इससे ब्रेस्ट कैंसर से बचाव में भी मदद मिलती है। साथ ही सुडौल और आकर्षक स्तन पाने में भी आपकी मदद करता है। रात को सोने से पहले जैतून के तेल से स्तनों की मालिश करने से स्तनों के छोटे होने की समस्या दूर होती है और स्तनों का विकास होता है।

30. चेहरे के लिए जैतून का तेल – Olive Oil Benefits for Face in Hindi

आपको एक तिहाई कप दही, एक चम्मच शहद, 2 चम्मच जैतून का तेल लेना है और आपको सभी सामग्रियों को आपस में मिलाकर के एक मोटा पेस्ट बना लेना है। अब इस पेस्ट को आपको अपने चेहरे पर लगा लेना है और 20 मिनट के लिए उसे सूखने देना है, फिर पानी से आपको इसे धो लेना है।यह फेस पैक चेहरे के जो पिंपल होते हैं, उन्हें दूर भगाने का काम करते हैं।

इस फेस पैक में विटामिन ए और एंटी इन्फ्लेमेटरी गुण होते हैं, जो ऐसे लोगों के लिए फायदेमंद है जिनके चेहरे पर भारी मात्रा में कील मुंहासे आते रहते हैं। यह कील मुहांसों को हटाता है और चेहरे की गंदगी को भी बाहर निकलता है।

31. आंखों के लिए जैतून का तेल

रात में लंबे समय तक जागने से और लगातार स्मार्टफोन चलाने से आंखों की रोशनी धीरे-धीरे कम होने लगती है। ऐसी सिचुएशन में आंखों की रोशनी को तेज करने के लिए और आंखों को स्वस्थ बनाने के लिए जैतून के तेल का इस्तेमाल करना चाहिए। इसके लिए आपको जैतून के तेल को हल्का सा गर्म करके अपनी आंखों के आसपास लगाना चाहिए और फिर आपको हल्के हाथों से अपनी आंखों के आसपास के इलाके की मालिश करनी चाहिए।

जैतून का उपयोग – Uses of Olive oil in Hindi

जैतून की हाई न्यूट्रिएंट क्वांटिटी होने की वजह से दुनिया भर में इसका बहुत सी तरीकों से उपयोग होता है बहुत से लोग इसे सादा ही पर खाना पसंद करते हैं जबकि बहुत से लोगो को फर्मेंटेड ओलिव्स खाना काफी पसंद होता हैं।

1. खाने में जैतून का उपयोग:

जैतून का प्रयोग काफी तरह की खाने वाली वस्तुओं में होता है। इंडिया में सामान्यतः जैतून पिज्जा पर देखने को मिलता है। इसके अलावा जैतून का प्रयोग सलाद, पास्ता के साथ और भी कई सारी चीजों को स्वादिष्ट बनाने के लिए होता है। इसके अलावा जैतून को अलग-अलग तरीकों से फर्मेन्ट भी किया जाता है, जिससे इनका स्वाद भी काफी अलग हो जाता है। फर्मेंटेड जैतून खाने को और भी स्वादिष्ट बनाने का काम करते हैं।

2. नमक बनाने में जैतून का उपयोग:

आज जैतून का नमक भी दुनिया भर में काफी फेमस है। जैतून का नमक बनाने में समानता कलामाता जैतून का प्रयोग किया जाता है। जैतून का नमक बनाने के लिए एक बड़े से कंटेनर में जैतून को नमक की मोटी परत से ढक कर टाइट बंद कर दिया जाता है। यह नमक लगभग 2 महीने तक बंद ही रहता है।

3. तेल बनाने में जैतून का उपयोग:

यूरोपीय देशों में जैतून के तेल खाने के तेल के रूप में काफी ज्यादा प्रयोग होता है। यूरोपीय देशों में जैतून के तेल को खाने के तेल के रूप में प्रयोग होने का मुख्य कारण इसके हेल्थ बेनिफिट्स है। ओलिव ऑयल का हीटिंग पॉइंट काफी कम होता है, जिससे इसमें डीप फ्राई करना पॉसिबल नहीं है। किसी भी फूड के डीप फ्राई ना होने से हमारी बॉडी में तेल काफी कम मात्रा में जाता है और यह हमारी बॉडी के लिए काफी बेनिफिशियल है।

4. मेडिसिन में जैतून का उपयोग:

जैतून और जैतून के तेल दोनों को हार्ट हेल्थ के लिए काफी अच्छा माना गया है। इसके अलावा जैतून का तेल स्वेलिंग में भी काफी मदद करता है। जैतून का तेल ड्राई स्किन, हेल्दी हेयर और स्कैल्प को भी हेल्दी रखने में काफी हेल्प करता है।

5. मॉइश्चराइजर के रूप जैतून का उपयोग:

जैतून का तेल स्किन को हेल्दी रखने के लिए जाना जाता है, यह स्किन को मॉइश्चराइज रखने का काम करता है।

6. जैतून का कल्चरल उपयोग:

बहुत से कल्चर्स में जैतून को धार्मिक दृष्टि से काफी पूजनीय माना गया है। इसके अलावा जैतून के पेड़ की डाल को शांति और विजय के प्रतीक के रूप में भी प्रयोग किया जाता है। जैतून के पेड़ की ब्रांच सोशल रिलेशंस को भी दर्शाने में प्रयोग होती है।

जैतून के तेल के अन्य फायदे – Other benefits of Olive Oil in Hindi

नीचे हमने जैतून तेल के अन्य फायदे बताए हैं जो आपके काम आ सकते हैं।

1. नमक जैतून के फायदे

जैतून का तेल का सेवन करना हमारी हेल्थ के लिए तो अच्छा है ही लेकिन जैतून का फल भी इससे पीछे नहीं है। इसी तरह जैतून का नमक भी हेल्थ के लिए काफी बेनिफिशियल होता है। जैतून का नमक बॉडी में डाइजेशन के दौरान कार्बोहाइड्रेट और फैट्स के डाइजेशन में काफी मदद करता है। जैतून का नमक बॉडी मेटाबॉलिज्म को बढ़ाने का भी काम करता है। इससे डाइजेशन सिस्टम हेल्दी रहता है। जैतून का नमक वजन कम करने वाले लोगों के लिए काफी बेनिफिशियल होता है।

जैतून का नमक कई सारे मिनरल्स का काफी अच्छा सोर्स होता है जिनमें मैग्नीशियम पोटेशियम और आयरन आते हैं। जैतून के नमक में मौजूद पोटैशियम ब्लड प्रेशर को कंट्रोल करता है, जिससे यह हार्ट को हेल्दी रखने में काफी कंट्रीब्यूशन करता है।

हालांकि जैतून का नमक सामान्य नमक के मुकाबले काफी हेल्दी होता है, लेकिन इसका ज्यादा मात्रा में सेवन करना हाई ब्लड प्रेशर, हार्ट रिलेटेड डिजीज और कई सारे हेल्थ इश्यूज बना सकता है। जैतून के नमक का ज्यादा मात्रा में सेवन करने पर यह बॉडी में एनर्जी लेवल को कम कर सकता है, जिससे बॉडी फैटीग यानी‌ बॉडी में थकावट बनी रहेगी। ज्यादा मात्रा में किसी भी नमक का सेवन करना किडनी के लिए काफी नुकसानदेह होता है।

2. जैतून का तेल और लहसुन के फायदे

जैतून के तेल में मौजूद हेल्दी फैट हार्ट की हेल्थ को बढ़ाने में मदद करते हैं, जबकि लहसुन में मौजूद एलिसन नामक पार्टिकल हार्ट हेल्थ को बेटर करने में मदद करते है। जैतून के तेल में मौजूद विटामिन E और लहसुन में मौजूद थोसिन दोनों मिलकर बॉडी पर काल्म इफेक्ट डालते हैं, जिससे स्ट्रेस को कम करने में मदद मिलती है। स्ट्रेस के कम रहने से बॉडी अपने आप ओवर ऑल हेल्दी रहने लगती है।

जैतून के तेल और लहसुन दोनों में एंटीबैक्टीरियल, एंटीफंगल और एंटी इन्फ्लेमेटरी प्रॉपर्टीज होती है, जो की किसी भी बैक्टीरियल इन्फेक्शन और इन्फ्लेमेशन को जल्दी से जल्दी ठीक करने में काफी मदद करती हैं। इसके अलावा दोनों में पाए जाने वाले न्यूट्रिएंट्स और विटामिन इम्यूनिटी को भी बढ़ाने का काम करते हैं, जिससे बॉडी किसी भी प्रकार की बीमारी से लड़ने की ताकत रखती है।

3. जैतून का तेल और लौंग का तेल के फायदे

जैतून का तेल और लौंग का तेल दोनों में न्यूट्रिएंट्स और एंटीऑक्सीडेंट अच्छी मात्रा में होते हैं, जो की स्किन को हेल्दी और एनवायरमेंटल डैमेज से बचाने का काम करते हैं। जैतून के तेल और लौंग के तेल दोनों में एंटी इन्फ्लेमेटरी प्रॉपर्टीज होती हैं, जो की स्किन में हुई किसी भी प्रकार की इन्फ्लेमेशन और स्वेलिंग को कम करने में काफी हेल्प करते हैं। जैतून का तेल और लौंग का तेल दोनों एंटीबैक्टीरियल होते हैं, जो की बैक्टीरिया और फंगल इनफेक्शंस से लड़ने में काफी मदद कर सकते हैं।

जैतून का तेल और लौंग का तेल दोनों का बॉडी पर काल्मिंग इफेक्ट होता है, जिससे इनका मसाज ऑयल के रूप में उपयोग किया जाता है। ऐसा करने से स्ट्रेस और थकान में काफी कमी आती है। जैतून के तेल में मौजूद विटामिन E स्किन को सॉफ्ट और स्वेलिंग को कम करने में मदद करता है, जबकि लौंग के तेल में एंटीऑक्सीडेंट प्रॉपर्टीज होती हैं, जो की चेहरे पर लगाने पर मौजूद किसी भी प्रकार के दाग व धब्बे को समय के साथ कम करने में मदद करती हैं।

जैतून तेल के नुकसान – Side effects of Olive oil in Hindi

किसी भी वस्तु को तय सीमित मात्रा से ज्यादा खाने पर उसका हमारे शरीर पर नुकसान होना तय है। इसी प्रकार जैतून के तेल का ज्यादा सेवन करने से वजन बढ़ने की समस्या बन सकती है। जैतून के तेल में कैलोरी होती तो है, लेकिन काफी कम मात्रा में होती है। इस वजह से जैतून के तेल का ज्यादा सेवन करना वेट गेन का कारण बन सकता है। जैतून के तेल का ज्यादा मात्रा में सेवन करने से हार्टबीट में भी काफी इंक्रीमेंट हो सकता है, जिससे ओवर ऑल बॉडी का टेंपरेचर भी बढ़ सकता है।

ये भी पढ़ें : केला (Banana) के फायदे, प्रकार, उपयोग, नुकसान – Banana in Hindi

जैतून के तेल में मौजूद हेल्दी फैट्स हार्ट को हेल्दी रखने के लिए तो जाने जाते हैं, लेकिन यदि इनका ज्यादा मात्रा में सेवन कर लिया जाए, तो यह हार्ट डिजीज का कारण बन सकते हैं। जैतून के तेल को छोटे बच्चों को देने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर ले लेनी चाहिए, क्योंकि जैतून का तेल को डाइजेस्ट करना छोटे बच्चों के लिए काफी मुश्किल होता है।

जैतून के तेल की कीमत – Approximate cost of Olive oil in Hindi

आज जैतून के तेल के बहुत सी वेराइटी आती हैं, इनकी कीमत जैतून से जैतून के तेल निकालने की प्रक्रिया और क्वालिटी पर निर्भर करता है। नीचे कुछ जैतून के तेल की कीमत के बारे में बताया जा रहा है, यह कीमत अलग-अलग इलाके के हिसाब से बदल सकती है।

एक्स्ट्रा वर्जिन ओलिव ऑयल: यह जैतून का तेल सबसे हाई क्वालिटी का होता है और बिना किसी केमिकल प्रोसेस या हीट के निकाला जाता है। इसकी कीमत रुपए 700 से लेकर रुपए 2500 प्रति लीटर हो सकती है।

वर्जिन ओलिव ऑयल: यह जैतून का तेल एक्स्ट्रा वर्जिन ओलिव ऑयल से थोड़ी कम क्वालिटी का होता है लेकिन इसे भी बिना किसी केमिकल प्रोसेस या हीट के निकाला जाता है। यह एक्स्ट्रा वर्जिन ओलिव ऑयल से थोड़ा सस्ता भी होता है। जैतून के तेल की कीमत रुपए 500 से लेकर रुपए 2000 प्रति लीटर के आसपास होती है।

कोल्ड प्रेस ओलिव ऑयल: कोल्ड प्रेस ओलिव ऑयल जैतून के तेल की सबसे अच्छी वैराइटीज में से एक होता है। ज्यादातर एक्स्ट्रा वर्जिन ओलिव ऑयल और वर्जिन ओलिव ऑयल कोल्ड प्रेस्ड ओलिव ऑयल की वैरायटी में ही आते हैं। कोल्ड प्रेस्ड ओलिव ऑयल की कीमत रुपए 500 से लेकर रुपए ढाई हजार प्रति लीटर के बीच हो सकती है।

प्योर ओलिव ऑयल: जैतून के तेल की यह वैरायटी रिफाइंड और वर्जिन ओलिव ऑयल को मिक्स करके बनाई जाती है। इस जैतून के तेल की कीमत रुपए 400 से लेकर रुपए 1500 प्रति लीटर के आसपास होती है।

लाइट ओलिव ऑयल: प्योर ओलिव ऑयल की तरह ही लाइट ओलिव ऑयल भी रिफाइंड और वर्जिन ऑयल को मिक्स करके बनाया जाता है। इसकी कीमत भी प्योर ओलिव ऑयल की तरह रुपए 400 से लेकर रुपए 1500 प्रति लीटर के आसपास होती है।

पोमेस ओलिव ऑयल: जैतून के तेल की यह वैरायटी सबसे सस्ती वैरायटी होती है। इसकी कीमत रुपए 300 से शुरू होकर रुपए 1000 प्रति लीटर के आसपास होती है।

अन्य भाषाओं में जैतून के तेल के नाम – Olive Oil Names in other Languages

जैतून के तेल को अलग-अलग प्रांतों में वहां की भाषा के अनुसार कई अलग-अलग नामों से जाना जाता है।

हिंदीजैतून का तेल
Banglajalpai tel
Teluguजीता तैलम
Kannadaओउदल एन्ने
Marathiजैतून तेल
Swahiliमफुता
Arabicज़यत अल जैतून

जैतून के बारे में अनोखे तथ्य – Unique facts about Olive in Hindi

जैतून के पेड़ की उम्र कई हजारों वर्ष भी हो सकती है। जैतून के पेड़ दुनिया में पाए जाने वाले सबसे पुराने पेड़ों में से एक है।

  • जैतून के तेल का उपयोग कई हजारों वर्षों से आयुर्वेदिक ट्रीटमेंट में हो रहा है।
  • जैतून के पेड़ के रूट काफी गहराई तक जा सकते हैं।
  • जैतून के पेड़ की ब्रांच को शांति और एकता के सिंबल के रूप में इस्तेमाल किया जाता है। इस वजह से जैतून के पेड़ की ब्रांच को ब्रांच ऑफ पीस (Branch of Peace) भी कहा जाता है।
  • जैतून के पेड़ की ब्रांच को ब्रांच ऑफ पीस होने की वजह से कई बार ओलंपिक गेम्स में भी सिंबल के रूप में चुना गया है।
  • जैतून का तेल दुनिया में सेहत के लिए सबसे अच्छे तेलों में से एक माना जाता है। जैतून के तेल की बहुत सी वेराइटी आती है।
  • एक्स्ट्रा वर्जिन ओलिव ऑयल काफी लाइट होता है, इस वजह से इसमे किसी भी प्रकार से डीप फ्राई नहीं किया जा सकता है।

जैतून के तेल के औषधीय गुण

इंसानों के स्वास्थ्य को अलग-अलग प्रकार से बेनिफिट पहुंचाने का काम जैतून का तेल करता है। यह इन्फ्लेमेशन को भी कम करता है क्योंकि इसके अंदर एंटी ऑक्सीडेंट उपलब्ध होता है और इसके अंदर मौजूद पॉलीफेनॉल, विटामिन ई, कोशिका को खत्म होने से बचाते हैं, साथ ही चेहरे की झुर्रियों को कम करने का काम जैतून का तेल करता है।

इसके अलावा जैतून का तेल बॉडी की कोशिकाओं को भी सूरज की खतरनाक अल्ट्रावायलेट किरणों से बचाने का काम करता है। इसमें विटामिन ए, डी, ई और के तथा एंटीऑक्सीडेंट होते हैं साथ ही पालीफेनोल, विटामिन ई, सायटोस्टेरोल, टायरोसोल, ओलियोकैंथोल जैसे तत्व भी होते हैं।

जैतून के तेल से कौन-कौन से न्यूट्रिएंट्स मिलते हैं? – Nutrient content of Olive oil in Hindi

जैतून के तेल के 100 ग्राम मात्रा में सेवन करने पर व्यक्ति को नीचे लिखी मात्रा में न्यूट्रिएंट्स मिलते हैं।

पोषक तत्वमात्रा प्रति 100 ग्राम
कैलोरी884 कैलोरी
फैट100 ग्राम
सैटुरेटेड फैट13 ग्राम
पॉलीअनसैचुरेटेड फैट9.8 ग्राम
मोनोअनसैचुरेटेड फैट73 ग्राम
कोलेस्ट्रॉल 0 मिलीग्राम
विटामिन ई10 मिलीग्राम
नैटिव्स0 मिलीग्राम
सोडियम2 मिलीग्राम
अंतिऑक्सीडेंट्स (पॉलीफेनोल्स)काफी कम मात्रा में
नियासिन (विटामिन ब3)काफी कम मात्रा में
जिंककाफी कम मात्रा में

ऊपर बताए गए न्यूट्रिएंट्स 100 ग्राम जैतून के तेल के सेवन पर मिलते हैं, लेकिन 100 ग्राम जैतून का तेल का प्रतिदिन सेवन करना काफी नुकसानदेह हो सकता है इसलिए कोशिश करे कि आप कम से कम तेल का सेवन करें।

जैतून से मिलने वाले न्यूट्रिएंट्स कौन-कौन से हैं? – Nutrient content of Olive in Hindi

जैतून को सादा खाना हमारे सेहत के लिए काफी अच्छा होता है क्योंकि इसमें मौजूद विटामिन मिनरल न्यूट्रिएंट्स और एंटीऑक्सीडेंट बॉडी को ओवरऑल हेल्दी रखने में काफी मदद करते हैं। बॉडी को ओवरऑल हेल्दी रखने के साथ ही साथ जैतून हमारे दिल स्किन हेयर और ब्लड फ्लो को अच्छा रखता है।

पोषक तत्वमात्रा प्रति 100 ग्राम
कैलोरी115 कैलोरी
फैट11 ग्राम
सेमी-सैटुरेटेड फैट्स1.5 ग्राम
मोनोआंसैचुरेटेड फैट्स (ओलेक एसिड)8 ग्राम
पॉलीअंसैचुरेटेड फैट्स1 ग्राम
कार्बोहाइड्रेट्स6 ग्राम
डाइटरी फाइबर3.5 ग्राम
शुगर0 ग्राम
प्रोटीन0.9 ग्राम
विटामिन ई1.6 मिलीग्राम
कैल्शियम52 मिलीग्राम
आयरन0.5 मिलीग्राम
विटामिन C1.0 मिलीग्राम

जैतून के तेल की तासीर कैसी होती है?

आयुर्वेद और यूनानी चिकित्सा के अनुसार किसी भी खाद्य वस्तु की तासीर उसके इंसानी शरीर में मौजूद तीन दोष वात, पित्त और कफ पर पड़ने वाले असर के अनुसार होती है। यह तासीर तीन तरह की होती है, उष्म यानी कि गर्म, शीत यानी कि ठंडा और साम यानी न्यूट्रल ना ज्यादा गर्म और ना ही ज्यादा ठंडा। जैतून के तेल की तासीर ठंडी होती है, क्योंकि इसका हमारे शरीर में बन रही उष्मा यानी गर्मी पर ठंडा असर होता है और यह शरीर में बन रही गर्मी को कम करने का काम करता है।

जैतून की खेती कहां होती है?

स्पेन, ग्रीस, इटली, मिश्र, तुर्की, पुर्तगाल, ट्युनिशिया, मोरक्को, इजराइल, चिली, पेरू, पाकिस्तान, ऑस्ट्रेलिया, ओरेगन, कैलिफ़ोर्निया, न्यूज़ीलैंड और इंडिया

इंडिया में जैतून की खेती कहां होती है?

इंडिया में जैतून की खेती सबसे ज्यादा राजस्थान राज्य में होती है।

दुनिया में जैतून की खेती सबसे ज्यादा कहां होती है?

दुनिया में स्पेन जैतून का सबसे बड़ा उत्पादक है। स्पेन के बाद इटली, मोरक्को और तुर्की सबसे ज्यादा जैतून का उत्पादन करते हैं।

दुनिया में सबसे ज्यादा पसंद किए जाने वाला जैतून कौन सा है?

कलामाता जैतून। इसका उत्पादन ग्रीस में होता है।

जैतून के तेल की सबसे अच्छी वैरायटी कौन सी होती है?

एक्स्ट्रा वर्जिन ओलिव ऑयल

जैतून के तेल के स्वास्थ्य लाभ क्या हैं?

जैतून का तेल हृदय रोगों, Diabetes और Metabolic condition, कैंसर की दर में कमी और अन्य सामान्य बीमारियों के जोखिम को कम करने में मदद करता है।

जैतून के तेल में कितनी कैलोरी होती हैं?

1 बड़ा चम्मच (14 ग्राम) जैतून के तेल में 119 कैलोरी होती है।

क्या जैतून का तेल लेना सुरक्षित है?

हां, जैतून के तेल का सेवन करना सुरक्षित है। इसमें कई संभावित स्वास्थ्य लाभ हैं और स्वस्थ वसा की उचित मात्रा में सेवन करने में आपकी सहायता कर सकते हैं।

निष्कर्ष

आज के इस लेख में आपने जाना की जैतून क्या होता है? और जैतून के फायदे और नुकसान? (Olive in Hindi) इस लेख को पूरा पढ़ने के बाद भी अगर आपके मन में Jaitoon Ke Fayde aur Nuksan को लेकर कोई सवाल उठ रहा है तो आप नीचे Comment करके पूछ सकते हैं। हमारी विशेषज्ञ टीम आपके सभी सवालों का जवाब देगी।

अगर आपको लगता है कि इस लेख में कोई गलती है तो आप नीचे Comment करके हमसे बात कर सकते हैं, हम उसे तुरंत सुधारने की कोशिश करेंगे। अगर आपको हमारे द्वारा Olive Oil in Hindi पर दी गई जानकारी पसंद आई है और आपको इस लेख से कुछ नया सीखने को मिलता है, तो इसे अपने दोस्तों और परिवार के साथ जरूर साझा करें। आप इस लेख का पोस्ट लिंक ब्राउजर से कॉपी कर सोशल मीडिया पर भी साझा कर सकते हैं।

Photo of author
Author
Akanksha Shree
आकांक्षा श्री ने पटना वीमेंस कॉलेज से इंग्लिश ऑनर्स में बैचलर्स और ट्रेवल एंड टूरिज्म में सर्टिफिकेशन कोर्स किया है। इन्होंने वर्ष 2023 में अपने करियर की शुरुआत स्वास्थ्य आधारित वेब पोर्टल से की थी। अब तक इनके 50+ से भी ज्यादा आर्टिकल प्रकाशित हो चुके हैं।

Leave a Comment